- एक शराबी ने एक दिन कुछ ज्यादा ही पी ली। लडखड़ाते कदमों से किसी तरह घर के दरवाजे तक पहुंचा और जेब से चाभी निकालकर ताला खोलने की कोशिश करने लगा।
नशा ज्यादा होने की वजह से वह चाभी को ताले में डाल ही नहीं पा रहा था। चाभी कभी इधर हो जाती कभी उधर । उसे परेशान होते देख पास ही खड़े एक व्यक्ति ने उसकी मदद करनी चाही ।
पास आकर बोला - लाओ चाभी, ताला मैं खोल देता हूं।
शराबी बोला - नहीं, नहीं, ताला तो मैं खोल लूंगा। तुम तो बस जरा दरवाजे को पकड़ के रखो।
- बंता - महिलाएं शराब से इतनी नफरत क्यों करती हैं ?
प्रीतो - क्योंकि इसको पीने के बाद उनके चूहे जैसे पति शेरों जैसा बर्ताव करने लगते हैं ............... । - एक शराबी की पीने की लत से तंग आकर उसकी पत्नी ने उसे तलाक दे दिया और बच्चों को लेकर मायके चली गई. बॉस ने भी नौकरी से निकाल दिया.
हैरान-परेशान वह अपने घर में अकेला बैठा था कि तभी उसकी नज़र अलमारी में लगी शराब की बोतलों पर पड़ गई. गुस्से में वह उठा और एक खाली बोतल उठाकर दीवार में दे मारी - "कमबख्त, तेरी वजह से मेरी बीवी मुझे छोड़कर चली गई."
फिर उसने दूसरी बोतल उठाई और उसे भी तोड़ दिया - "हरामजादी, तेरी वजह से मेरे बच्चे मुझसे दूर हो गए."
तीसरी बोतल का भी यही हश्र किया और चिल्लाया - "तेरी वजह से मेरी नौकरी चली गई."
जैसे ही उसने चौथी बोतल उठाई, तो वह भरी हुई थी, उसे संभालकर दूसरी अलमारी में रखते हुए बोला - "मेरे दोस्त, तुम ज़रा एक तरफ हो जाओ, मुझे मालूम है इस सब में तुम्हारा कोई हाथ नहीं है......." !!! - एक आदमी को एक बढ़िया किस्म की शराब की बोतल उपहार स्वरूप मिली। वह उसे लेकर लपकता हुआ घर की ओर जा रहा था। बोतल मिलने की खुशी में वह इतना मगन था कि सड़क पर आती हुई मोटरकार से बचकर निकल न सका। लिथड़ गया। उठकर लंगड़ाता हुआ सड़क पार कर रहा था कि कुछ पतली गर्म चीज टांग पर से बहती हुई मालूम हुई।
''हे प्रभु'' वह दुआ करने लगा।
''यह खून हो।'' - मेजर - ''इतना ज्यादा क्यों पीते हो ? तुम्हें खबर है कि अगर तुम्हारा रिकार्ड अच्छा रहा होता तो अब तक तुम सूबेदार हो गये होते।''
जवान - ''माफ कीजिये सर, मगर बात यह है कि जब दो घूंट मेरे अन्दर पहुंच जाते हैं तो मैं अपने आपको कर्नल समझने लगता हूं।''
- एक शराबी (दूसरे शराबी से) - यार, मरने के बाद हम स्वर्ग जाएंगे या नरक ?
दूसरा - तुम्हें जहां अच्छा लगे चले जाना । पीने के बाद मुझसे तो कहीं आया - जाया नहीं जाता। - एक उपदेशक ने मद्यनिषेध पर भाषण दिया। अन्त में पूछा - ''अच्छा मान लीजिये, मैं एक बालटी पानी और एक बालटी शराब मंगाकर यहां रख दूं और एक गधे को को बुलवाऊं तो वह किस बालटी में मुंह डालेगा ?''
श्रोता - ''पानी की बालटी में''
उपदेशक - ''आखिर क्यों ?''
श्रोता - ''वह गधा जो ठहरा !'' - एक शराबी और उसकी बीबी रात को सो रहे थे। आधी रात को अचानक पति की चीख सुनकर पत्नी की आंख खुल गई। उसने पति से पूछा - क्या बात है ?
पति बोला - कुछ नहीं, मेरी कमीज नीचे गिर गई थी।
खीझ कर पत्नी बोली - तो इतनी जोर से क्यों चीखे ?
पति बोला - उस कमीज के अन्दर मैं भी था ।
- बंता शराबी एक बार में गया । वहां जाकर उसने बार में मौजूद सभी लोगों, जिनमें बार मालिक भी शामिल था, के लिए अपनी तरफ से एक-एक पैग व्हिस्की का ऑर्डर दिया।
- आज सभी लोग मेरी तरफ से पियो । बंता ने झूमते हुए घोषणा की।
आधे घण्टे बाद बंता ने फिर से सभी लोगों के लिए एक-एक पैग व्हिस्की का ऑर्डर दिया। बार मालिक को भी एक पैग और मिला।
फिर तो हर आधे घण्टे बाद यही क्रम चलने लगा। पांचवें पैग के बाद बार मालिक को चिंता होने लगी। उसने बंता को एक तरफ बुलाकर कहा - भाईसाहब, आपका अभी तक का बिल तीन हजार चार सौ रुपये हो गया है ।
- बिल ? कैसा बिल ? मेरे पास तो फूटी कौड़ी भी नहीं है। बंता ने जेबें उल्टी करके दिखाते हुए कहा।
अब तो बार मालिक का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। उसने लात घूंसों से बंता की जमकर पिटाई की और आखिर में बार के कर्मचारियों से कहकर बाहर गंदे नाले में फिंकवा दिया ।
अगले दिन शाम को बार अभी खुला ही था कि बंता अंदर आया और बोला - एक पैग व्हिस्की मेरे लिए और एक-एक यहां मौजूद सभी लोगों के लिए मेरी तरफ से ...... ।
फिर बार मालिक की तरफ उंगली करके बोला - सिर्फ तुमको छोड़कर .... । तुम चार पैग के बाद बहक जाते हो ...............
Wednesday, January 27, 2010
Drunkards
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