- जब भी आप गलत हों - अपनी गलती चुपचाप मान लें ।
- जब भी आप सही हों - तो कृपया चुप रहें ।
एक दिन दो पुराने दोस्त गधे बाजार में मिले। एक गधा बोला - यार तुम तो बहुत कमजोर हो गए हो। क्या तुम्हारा मालिक तुम्हें ठीक से खाने पीने को नहीं देता ?
दूसरे गधे ने ठंडी सांस भरकर कहा - हां दोस्त, खाने पीने को तो ठीक से मिलता ही नहीं है साथ ही काम भी बहुत करवाता है। मेरा मालिक सचमुच बहुत खराब आदमी है।
पहले गधे ने कहा - तो फिर ऐसे मालिक को तुम छोड़ क्यों नहीं देते ? किसी दिन मौका देखकर भाग जाओ न ?
दूसरा गधा - मैं भाग नहीं सकता ।
पहला गधा - पर क्यों ?
दूसरा गधा - मेरे मालिक की एक बहुत ही खूबसूरत बेटी है। जब भी वह उस पर नाराज होता है तो मेरी तरफ इशारा करके उससे कहता है कि ''देखना, एक दिन तेरी शादी मैं इस गधे से कर दूंगा'' ....... अब यार, मैं उस दिन का इंतजार कर रहा हूं ......
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