Tuesday, January 26, 2010

Jokes on husband-wife 2

  • एक चोर ने सेध मारी लेकिन सामान लेकर भागते समय गली के कोने पर पुलिस द्वारा धर लिया गया।
    अगले दिन मकान का मालिक उससे मिलने थाने पहुंचा। थानेदार ने सोचा कि कहीं यह चोर के साथ मारपीट न कर दे इसलिए उसने उसे चोर से मिलने से रोका और बोला - आपको उससे जो भी बात करनी है वह अदालत में करिए, यहां नहीं ।
    अरे, नहीं, नहीं, मैं उस पर नाराज नहीं हूं। - मकान मालिक ने कहा। - मैं तो उससे सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि वह आखिर घुसा किस तरह कि मेरी पत्नी को उसकी आहट तक नहीं हुई ? मैं तो कई सालों से कोशिश कर रहा हूं पर वह फौरन जाग जाती है।
  • एक महाशय अपनी पत्नी को हमेशा यह कहकर चिढ़ाते थे - ''कहो तीन बच्चों की अम्मां !'' पत्नी को बहुत बुरा लगता था लेकिन एक दिन उसका भी दिमाग काम कर गया ।
    जैसे ही पति ने कहा - ''कहो तीन बच्चों की अम्मां !'' पत्नी ने तुरंत जवाब दिया - ''बोलो दो बच्चों के पापा !''


    • एक आदमी की कई सालों बाद पुराने मित्र से भेंट हुई । मित्र ने पूछा - ''कहो, दाम्पत्य जीवन सुखी तो है ?''
    ''सुखी तो नहीं कह सकता, पर मनोरंजक अवश्य है'' - आदमी ने बताया।
    ''वह कैसे ?'' - मित्र ने प्रश्न किया।
    ''यार, हम लड़ते हैं और पड़ोसियों का मनोरंजन होता है।'' - आदमी ने कहा। 
  •  एक दफ़ा किसी इंटरव्यू मे मिसेज़ संता से पूछा गया -- "आप की निगाह मे पति क्या है"?
    "पति, पति तो एकदम उल्लू होता है" , मिसेज़ संता का निर्भीक उत्तर था .
    "कैसे-कैसे"? एक साथ कई सवाल उठे .
    "बात बिल्कुल सीधी सी है, पति को बीबी के सारे गुण रात के अंधेरे मे ही जो दिखाई देते हैं". मिसेज़ संता का बोल्ड जवाब था.
  • एक दिन राजू के पापा एक रोबोट लेकर आए। वह रोबोट झूठ पकड़ सकता था और झूठ बोलने वाले को गाल पर खींचकर चांटा मार देता था।
    आज राजू स्कूल से घर देर से आया था ...... पापा ने पूछा, ''घर लौटने में देर क्यों हो गई ?''
    ''आज हमारी एक्स्ट्रा क्लासेस थी'' - राजू ने जवाब दिया।
    रोबोट अचानक अपनी जगह से उछला और राजू के गाल पर एक जोरदार चांटा मार दिया।
    पापा हंसकर बोले, ''ये रोबोट हर झूठ को पकड़ सकता है। अब सच क्या है यह बताओ... कहां गए थे ?''
    ''फिल्म देखने'' - राजू ने गाल को सहलाते हुए जवाब दिया।
    ''कौनसी फिल्म'' - पापा ने कड़ककर पूछा ।
    ''जय हनुमान''
    चटाक!..... अभी राजू की बात पूरी भी नहीं हुई थी कि उसके गाल पर रोबोट ने एक जोर का चांटा मारा।
    ''कौनसी फिल्म'' - पापा ने फिर पूछा ।
    ''कातिल जवानी''
    पापा गुस्से में बोले, ''शर्म आनी चाहिए तुम्हें। जब मैं तुम्हारे जितना था तब ऐसी हरकत नहीं किया करता था।''
    चटाक!..... रोबोट ने एक चांटा मारा .... इस बार पापा के गाल पर।
    यह सुनते ही मम्मी किचन में से आते हुए बोलीं, ''आखिर तुम्हारा ही तो बेटा है न! झूठ तो बोलेगा ही''
    अब मम्मी की बारी थी ........ चटाक !  
  • एक नव-युगल ट्रेन से यात्रा कर रहा था. वे ऊपर की बर्थ पर थे.
    दुल्हन बार-बार मियाँ से कह रही थी---"सच, मुझे तो यक़ीन ही नही होता, आख़िर हम एक हो ही गये" .
    जब दुल्हन ने यही बात कई बार दोहराई तो एक यात्री से रहा नही गया. चिढ़कर दूल्हे से बोला ---"भाई-साहब, हम कुछ देर के लिए अपनी आँखे बंद कर लेते हैं, आप इन्हे यक़ीन दिला ही दो, आख़िर फिर हमें सोना भी है".
  • नर्सरी क्लास में छोटे बच्चों से पूछा गया - ''भगवान कहां है ?''
    एक बच्चे ने हाथ उठाया, बोला - ''मुझे पता है !''
    टीचर ने कहा - ''अच्छा बताओ'' ।
    बच्चे ने बताया - ''हमारे बाथरूम में'' ।  
    एक पल के लिए टीचर चुप! फिर संभलते हुए बोली, ''तुम्हें कैसे पता ?''
    बच्चा बोला - ''रोज सुबह जब पापा उठते हैं, बाथरूम का दरवाजा पीटते हुए कहते हैं - ''हे भगवान ! तुम अब तक अन्दर ही हो !'' 
  • एक ग्रामीण पिता-पुत्र अपने नजदीकी शहर में शॉपिंग मॉल देखने गये। यूं तो वहां की हर चीज देखकर वे चकित थे परन्तु एक जगह एक खुलने और बन्द होने वाली दीवाल (लिफ्ट) देखकर वे विशेष रूप से प्रभावित हुये। उन्होंने ऐसी दीवाल पहले कभी नहीं देखी थी ।
    जिस समय वे पिता पुत्र आंखे फाड़ फाड़ कर  उस दीवाल को देख रहे थे उसी समय एक बूढ़ी औरत उस दीवाल के पास पहुंची और दीवाल पर लगा एक बटन दबाया। बटन दबाते ही दीवाल खुल गई और बूढ़ी औरत उस दीवाल के अन्दर चली गई । दीवाल फिर बन्द हो गई। थोड़ी देर बाद दीवाल अपने आप खुली और उसमें एक पच्चीस साल की खूबसूरत लड़की बाहर निकली।
    पिता यह सब देखकर लगभग चिल्लाते हुये पुत्र से बोला  - ''बेटा, जल्दी घर जा और अपनी मां को लेकर  आ।'' 
  • इंटेलिजेंस ब्यूरो में एक उच्च पद हेतु भर्ती की प्रक्रिया चल रही थी। अंतिम तौर पर केवल तीन उम्मीदवार बचे थे जिनमें से किसी एक का चयन किया जाना था। इनमें दो पुरुष थे और एक महिला।
    फाइनल परीक्षा के रूप में कर्तव्य के प्रति उनकी निष्ठा की जांच की जानी थी। पहले आदमी को एक कमरे में ले जाकर परीक्षक ने कहा - ''हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि तुम हर हाल में हमारे निर्देशों का पालन करोगे चाहे कोई भी परिस्थिति क्यों न हो।'' फिर उसने उसके हाथ में एक बंदूक पकड़ाई और दूसरे कमरे की ओर इशारा करते हुये कहा - ''उस कमरे में तुम्हारी पत्नी बैठी है। जाओ और उसे गोली मार दो।''
    ''मैं अपनी पत्नी को किसी भी हालत में गोली नहीं मार सकता''- आदमी ने कहा।
    ''तो फिर तुम हमारे किसी काम के नहीं हो। तुम जा सकते हो।'' - परीक्षक ने कहा।
    अब दूसरे आदमी को बुलाया गया। ''हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि तुम हर हाल में हमारे निर्देशों का पालन करोगे चाहे कोई भी परिस्थिति क्यों न हो।'' कहकर परीक्षक ने उसके हाथ में एक बंदूक पकड़ाई और दूसरे कमरे की ओर इशारा करते हुये कहा - ''उस कमरे में तुम्हारी पत्नी बैठी है। जाओ और उसे गोली मार दो।'' आदमी उस कमरे में गया और पांच मिनट बाद आंखों में आंसू लिये वापस आ गया। ''मैं अपनी प्यारी पत्नी को गोली नहीं मार सका। मुझे माफ कर दीजिये। मैं इस पद के योग्य नहीं हूं।''
    अब अंतिम उम्मीदवार के रूप में केवल महिला बची थी। उन्होंने उसे भी बंदूक पकड़ाई और उसी कमरे की तरफ इशारा करते हुये कहा - ''हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि तुम हर हाल में हमारे निर्देशों का पालन करोगी चाहे कोई भी परिस्थिति क्यों न हो। उस कमरे में तुम्हारा पति बैठा है। जाओ और जाकर उसे गोली से उड़ा दो।'' महिला ने बंदूक ली और कमरे के अंदर चली गई। कमरे के अंदर घुसते ही फायरिंग की आवाजें आने लगीं । लगभग 11 राउंड फायर के बाद कमरे से चीखपुकार, उठापटक की आवाजें आनी शुरू हो गईं। यह क्रम लगभग पन्द्रह मिनटों तक चला उसके बाद खामोशी छा गई।
    लगभग पांच मिनट बाद कमरे का दरवाजा खुला और माथे से पसीना पोंछते हुये महिला बाहर आई। बोली - ''तुम लोगों ने मुझे बताया नहीं था कि बंदूक में कारतूस नकली हैं। मजबूरन मुझे उसे पीट-पीट कर मारना पड़ा।''  
  • एक वृद्ध दंपति को लगने लगा कि उनकी याददा6त कमजोर हो चली है। यह सुनि6चित करने के लिये कि उन्हें कुछ नहीं हुआ है, वे डॉक्टर के पास गये।
    डॉक्टर ने बारीकी से उनका परीक्षण किया और बताया कि उन्हें कोई बीमारी नहीं है। बुढ़ापे में इस तरह के लक्षण स्वाभाविक हैं। उसने उन्हें महत्वपूर्ण कार्यों को लिखकर रखने की सलाह दी ताकि वे कोई जरूरी काम न भूलें।
    वृद्ध दंपति ने डॉक्टर का धन्यवाद किया और घर चले गये। उस रात को टीवी देखते समय पति उठकर कहीं जाने लगा तो पत्नी ने पूछा - ''कहां जा रहे हो ?'' उसने जवाब दिया - ''रसोईघर में''। ''मेरे लिये एक कप चाय लाओगे ?'' - पत्नी ने कहा। ''ठीक है, ले आऊंगा।'' ''मेरे खयाल से तुम इसे नोट कर लो नहीं तो भूल जाओगे।'' पत्नी ने कहा। ''नहीं भूलूंगा, प्रिय'' - पति ने जवाब दिया। ''ठीक है, मेरे लिये कुछ खाने को भ्आना। जैसे अालू चिप्स'' । ''ठीक है , ले आऊंगा।'' ''मुझे लगता है तुम लिख लेते तो ठीक था। कहीं भूल न जाओ।'' पत्नी ने फिर आग्रह किया। ''नहीं भूलूंगा प्रिय । मुझे तुम्हारे लिये एक कप चाय और आलू चिप्सहै । ठीक है ऌतना तो मैं याद रख ही सकता हूं। ''

    लगभग आधे घण्टे बाद पति महोदय एक कटोरे में आइसक्रीम और एक प्लेट में आमलेट लेकर हाजिर हुये। पत्नी यह देखते ही आग बबूला होते हुये चिल्लाई - ''तुमसे कहा था कि लिखकर ले जाओ वरना भूल जाओगे। बताओ मेरे आलू के परांठे कहां है ?''
     

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